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Himanshu rawat

Others

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Himanshu rawat

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माँ तूने मेरे लिए

माँ तूने मेरे लिए

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माँ तूने मेरे लिये कितना दुख उठाया है !

हाथ पकड़ के मेरा चलना मुझे सिखाया है,

बचपन में अपने हाथों से खाना खिलाया है,

पापा की डांट से हमेशा मुझे बचाया है,

माँ तूने मेरे लिये कितना दुख उठाया है !

पहले जब तू डांटती थी तब मैं गुस्सा होता था

तेरी डांट में भी प्यार था बाद में मुझे समझ आया है

खुद ज़मीन पर सोती थी मुझे बैड पर सुलाया है

जब भी मैं रोता था तूने मुझे हँसाया है

जब भी उदास होता था तूने मुझे मनाया है

माँ तूने मेरे लिये कितना दुख उठाया है !

तूने मुझे पढ़ाया है लिखाया है,

तूने मुझे मेहनती और काबिल बनाया है

धन्यवाद माँ तूने मुझे एक अच्छा इन्सान बनाया है

ज़िंदगी के हर कदम पर तूने मेरा साथ निभाया है

माँ तूने मेरे लिये कितना दुख उठाया है !

बचपन में लोरी गाकर तूने मुझे सुलाया है

तूने ही तो मुझे बोलना सिखाया है

और बचपन में तूने मुझे अपने हाथों से नेहलाया है

माँ तूने मेरे लिये कितना दुख उठाया है !

9 महीने अपने पेट में रखकर

तूने मुझे इस दुनिया में पहुंचाया है,

ऐसा कोई दिन नहीं माँ जब तेरे बिना नींद आई हो

तूने मेरी ज़िंदगी के हर एक दिन को खूबसूरत बनाया है,

माँ तूने मेरे लिये कितना दुख उठाया है !

खुद भूखी सो जाती थी कभी मुझे हमेशा खाना

खिलाकर सुलाया है,

बचपन में पैरों में दर्द होता था जब जब

तब तब तूने मेरे पैरों को दबाया है

माँ तूने मेरे लिये कितना दुख उठाया है !

दुनिया कि हर खुशी को मुझ तक पहुंचाया है

दुनिया के हर दुख को मुझसे दूर भगाया है,

माँ तूने मेरे लिये कितना दुख उठाया है !

घर में हर कोई कुछ ना कुछ पूछता रहता है माँ

पापा पूछते हैं बेटा आज क्या सिख कर आया है

बीवी पूछती है आज कितना कमाया है

बहन पूछती है मेरे लिए क्या लाया है

माँ सिर्फ तू ही है जो पूछती है बेटा, खाना खाया है !

माँ तूने मेरे लिये कितना दुख उठाया है !

आखिर में सिर्फ इतना कहना चाहूँगा की

भगवान हर जगह नहीं रह सकता

इसलिये उसने माँ को बनाया है !


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