मातृ दिवस
मातृ दिवस
अपनी जान से ज़्यादा
अपने बच्चे को चाहती है
वह कोई और
नहीं माँ ही कहलाती है
चाहे वो कोई भी इंसान
वो किसी ना किसी माता का अंश है
माताओं की वजह से ही चल रहा
सारे परिवारों का वंश है
मां का प्यार जन्म से
पहले ही शुरू हो जाता है
बच्चा गर्भ में होता है
मां का प्यार वही पनपता है
हर रिश्ते से नौ महीने
बड़ा होता है मां का रिश्ता
माँ अगर ना होगी
तो यह मुसीबत पैदा होगी
दुनिया रुक जाएगी
आगे ना बढ़ेगी
एक बार फिर से सारी माताओं
को मेरी तरफ से बधाई
मेरी माता को भी बधाई
जिनकी वजह से मैंने यह दुनिया पाई
छूली सफलता की ऊंचाई
