STORYMIRROR

V. Aaradhyaa

Abstract

4  

V. Aaradhyaa

Abstract

मौकापरस्ती का आलम

मौकापरस्ती का आलम

1 min
283


खुद को तो फरिश्ता समझते लोग हैं,

खुद के किरदार से नीचे गिरते लोग हैं।


खुद में खुदा देखना फितरत है इनकी ,

औरों मैं किसी शैतान को देखते लोग है।


खुदा की रहमत का असर ज़रा देखो,

अक्सर उन्हीं के नाम पर लड़ते लोग हैं।


कोई किसी का नहीं हुआ इस जहां में,

फिर क्यों किसी एक पर मरते लोग हैं।


इनकी मौकापरस्ती का आलम तो देखो,

हर रोज अपनी नई राहें बदलते लोग हैं।


मन मेरा भी परिंदा बन उड़ता आकाश में, 

सोचूँ कि बादलों संग क्यों विचरते लोग हैं।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract