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Ayush Kaushik

Abstract

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Ayush Kaushik

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मैं

मैं

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मैं शक्ति हूँ, सत्य हूँ, मैं ही तो आदि और अंत हूँ।

मैं विश्वास हूँ, भक्ति हूँ, मैं ही तो मंदिर और घर मे हूँ।

मैं ब्रह्माण्ड हूँ, समय हूँ, मैं ही तो कल थी और कल भी हूँ।

मैं अखंड हूँ, मजबूत हूँ, मैं ही तो सबका तप भी हूँ।

मैं अवरिल हूँ, सुंदर हूँ, मैं ही तो सीता राम की और कृष्ण की राधा भी हूँ।



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