मैं तन्हा था
मैं तन्हा था
मैं तन्हा था मगर इतना नहीं था,
तेरे बारे में जब सोचा नहीं था।
समंदर ने मुझे प्यासा ही रखा,
मैं जब सेहरा में था प्यासा नहीं था।
मनाने - रूठने के खेल में हम,
बिछड़ जायेंगे ये सोचा नहीं था।
सुनोगे तुम की बंद कर ली हैं मैंने आँखें,
कई रातों से मैं सोया नहीं था।