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Harshita Dawar

Inspirational

3  

Harshita Dawar

Inspirational

मैं नारी आरी हूं

मैं नारी आरी हूं

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मैं नारी हूं, मैं आरी हूं

अकेली होकर भी सबसे भारी हूं

जननी जन्मभूमि हूं, दासी नहीं, झासीं हूं,

अकेले होकर भी अकेली नहीं होती

असमंजस सी होकर ख़ुद को नहीं भूलती


जब गिरती तभी उठती भी ख़ुद दिखती

जब रोती तभी मुस्कान भी ख़ुद लेकर आती


जब टूटती तभी जोड़ना भी ख़ुद को सिखाती

जब गलत तभी सही होने की ख़ुद को दिशा दिखाती


जब प्रश्न चिन्ह तभी पूर्णविराम भी ख़ुद को बनाती 

जब बिंदु चिन्ह तभी अल्पविराम देकर ख़ुद को बढ़ाती


जब ख़ुद पर विश्वास रखती तभी आगे बनने बढ़ते देख पाती

हर्षिता का पैग़ाम ख़ुद को प्रश्न चिन्ह नहीं अल्प चिन्ह बन नई कहानी की शुरुआत करवानी।

हम किसी से कम नहीं बन ये लफ्ज़ ज़हन में समाए आगे बढ़ते है ज़िन्दगी की निशानी।


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