STORYMIRROR

मैं लड़ूंगा

मैं लड़ूंगा

1 min
177


मैं लड़ूंगा मेरा युद्ध

भले ही तुम कुचल दो मेरा अस्तित्व।

तुम्हारी शोषण की वृत्ति को दूंगा चुनौती

ये जानकर भी कि तुम अत्यंत शक्तिशाली हो।


तुमने न जाने कितनों को तहस नहस किया है

तुम्हारे अहंकार ने तुम्हारी विचारधारा ने।

गैर बराबरी की साजिश ने कितनों

को रक्तरंजित किया है।


मैं नहीं डरूंगा तुमसे तुम्हारी कुटिल चालों से

मुझे मालूम है तुम मुझे हरा दोगे

कुचल दोगे।


मेरे जायज़ अहसास के अस्तित्व को

लेकिन मैं फिर भी लड़ूंगा

नही बैठूंगा तुम्हारे सामने घुटनों पर।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract