मैं कहाँ रहता हूं यहाँ
मैं कहाँ रहता हूं यहाँ
मैं कहाँ रहता हूँ यहाँ
यहाँ तो ख्वाब रहते है
जो दिन और रात में फिरते हैं
जो सवालों को जवाब देते है
मैं कहाँ रहता हूँ यहाँ
यहाँ तो उम्मीद रहती है
जो धूप और छांव की फिक्र छोड़
उलझनों को सुलझाने में लगी रहती है
मैं कहाँ रहता हूँ यहाँ
यहाँ तो सब्र रहता है
जो है उस भोर के इंतज़ार में
जो सच मे सुनहरी और बदली सी होगी
मैं कहाँ रहता हूं यहाँ
यहाँ तो बस स्वास रहती है
जो है अपनी ज़िंदगी के इंतज़ार में
जो ज़िंदा है अपने ख्वाब से
मैं कहाँ रहता हूं यहाँ।