मैं हूँ कौन
मैं हूँ कौन
मैं हूँ बहती नदिया में,
मैं हूँ गाती चिड़ियाँ में।
मैं आशा की किरण हूँ,
चमकती पर्वत की चोटी में।
मैं हूँ हँसती फूलों में,
मैं रहती हूँ शूलों में।
मैं उड़ती हूँ ऊँचे गगन में,
मैं बहती हूँ इस पवन में।
मैं बसती हूँ सपनों में,
मैं रहती हूँ नैनों में।
मैं हूँ कौन,
आखिर मैं हूँ कौन।
मैं हूँ तेरे अंतर्मन,
की आवाज।
मैं मोती बन रहती हूँ,
तुम्हारे मन की सीपी में।
यादें बन झरती हूँ,
मन की भीति में।