मैं एक नारी हूं।
मैं एक नारी हूं।
हां मैं एक नारी हूं,
मैं ही सीता हूं, और
प्रभु श्रीराम की आज्ञाकारी हूं,
मैं ही राधा हूं,
और मोहन की दुलारी हूं।
उर्मिला भी मैं ही हूं
और मैं ही अहिल्या हूं,
हर सुख में साथ-साथ हूं
तो दुःख की भी सहकारी हूं,
हां मैं एक नारी हूं।।
आंचल में वात्सल्य की नदियां हैं
और होंठों पर अमृत का प्याला भी रखती हूं,
कमजोर समझने की भूल ना करना मुझे,
मैं दिल में ज्वाला भी रखती हूं,
हार कर जो उठ खड़ी हुई हूं,
तो फिर से कभी ना हारी हूं,
हां मैं एक नारी हूं।।
रीति रिवाज सब पूरे करती हूं
और हर कर्तव्य भी निभाती हूं,
सबके रंग में रंग जाती हूं
और दो घरों का सम्मान बढ़ाती हूं,
बस स्नेह की आशा रखती हूं,
मैं स्नेह की मारी हूं,
हां मैं एक नारी हूं।।