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Mitali Mishra

Inspirational

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Mitali Mishra

Inspirational

मैं एक नारी हूं

मैं एक नारी हूं

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मैं शक्ति हूँ,मैं त्याग हूँ,

मैं प्रेम हूँ, हां मैं नारी हूं।

मैं भावना का मेल हूँ,

मैं प्रेम का संगम हूँ,

हां,मैं एक नारी हूं।

युं तो जुल्म बहुत हुआ है,

युं तो दर्द बहुत सहा है,

पर अब बस बहुत हुआ,

यूं दब कर ज़िन्दगी नहीं जीनी है।

मेरे अपने भी कुछ सपने हैं,

मेरे अपने भी कुछ अरमान हैं,

यूँ कब तब घुट घुट कर जीते रहे हम,

क्या नारी का अपना कोई अस्तित्व नहीं है?

मैं रूप हूँ शक्ति का,

मैं रुप हूँ ममता का,

मैं रुप हूँ प्रेम का,

हां, मैं ही तो रुप हूँ नारी का।

जुल्म कि प्रताडना अब हम नहीं सहेंगे,

हम आवाज बनेंगे अपने हौसले का,

हम कमजोर नहीं जो दब जाएंगे,

हम लरेंगें ,हम जीतेंगे

हम उम्मीद बनेंगे,नयी सुबह का।



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