मैं एक दुआ
मैं एक दुआ
ये ज़िंदगी एक दुआ है
देने वाले ने दी एक खूबसूरत बला है
मान लेते हैं जो
इस एहसान को
जान जाते वो प्यार के एहसास को
आ गये हम इस जहां में जब
भूल गये यहाँ उसकी हर बात को
जीने के अन्दाज़ ने
महके से जज़्बात ने
खूबसूरत सी दुनिया की सौग़ात ने
बना लिया अपना इस दिल की सुगबुआहट ने
मैंने जाना नहीं फिर पहचाना नहीं
ए रब तेरे दर्द की इस आवाज़ को
तूने फिर भी कभी मुझे रुलाया नहीं
मेरी ज़िंदगी को यूँ सताया नहीं
तेरी एक दुआ को
मैंने जान लिया
तेरे जज को आज मैंने पहचान लिया
तेरा ही अक्स है मुझ में समया हुआ
आज इस काबिल हुई।
तेरी रचना की अनोखी शान हुई
हाँ एक दुआ हूँ मैं
सब के दिलो में रहने वाली एक दुआ हूँ मैं।
