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Deepika Mawar

Abstract

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Deepika Mawar

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मैं भी नारी आप भी नारी

मैं भी नारी आप भी नारी

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मैं भी एक नारी और आप भी एक नारी

जीवन में आए चाहे कोई दुविधा भारी


नारी अपने प्रयासों से विजय होकर मानी

देनी पड़ी चाहे कितना त्याग कितनी कुर्बानी 


कभी बेटी बनकर रिश्तों को है निभाया

कभी पत्नी बनकर रिश्तों को महकाया


कभी बहन बनकर परिवार को सजाया

कभी माँ बनकर बच्चों पर ममता को लुटाया


आज इन्हीं रिश्तों के कारण नारी ने सम्मान पाया

पूरे विश्व ने यह दिन महिलाओं को समर्पित किया।


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