मातृत्व
मातृत्व
नारी जीवन
प्रभु की अद्भुत कृति
उस कृति की अद्भुत कृति
उसका बच्चा जीवन की सार्थकता
नारी जीवन की सम्पूर्णता की पहचान ।
यह कृति दिलाती उसे नाम माँ
जीवन माँ का समर्पित होता
अपने बच्चे के नाम
उसके सुख-दुख
पर कुर्बान।
कुर्बानी
स्वार्थ रहित
बस जीवन सँवारने को
जिंदगी उस पर सारी लगा दी
बदले में कुछ भी न चाहा किसी से
प्रभु से बच्चे की लम्बी उम्र की दुआ चाहे
न सोचा ये बच्चे साथ रहेंगें
कहीं प्रदेश निकल जाएँगे
बस माँ बूढ़ी आँखों से
राह तकती निहारे
बेटे आन- आस
देखूँ एक बार।