मातृ भाषा हिन्दी
मातृ भाषा हिन्दी
दुर्भाग्यपूर्ण है जिस देश
की मातृभाषा हिंदी है
उस देश के स्कूलो , विद्यालयों
में इंग्लिश में पढ़ाया जाता है
अ ,आ ,इ , को छोड़ बच्चों को
ए , बी ,सी ,डी सिखाया जाता है
वीरो की जन्मभूमि जिसको
गुलामी की जंजीरों से
मुक्त कराने को जाने कितने
सपूतों ने अपनी जान गवाई है
कितनी माओं ने लाल गवाएं
कितनी बहनो का भाई , मिट गया
मांग का सिंदूर ,बुझ गए घरों के
दीपक ,अबलाओ ने अस्मत खोई ,
टुकड़े टुकड़े हो गया भारत मां का
हृदय , लथपथ खून से आंचल
जवानी में फांसी पर लटक गए
किसी ने सीने पर गोली खाई ,
भूख , प्यास , जुल्मों सितम
सहने के बाद ये आजादी पाई ,
फिरंगी दगाबाजों ने देश
का जर्रा जर्रा लूट लिया
उसी की फैलाई सभ्यता
को आत्मसात कर लिया
अपनी मातृभाषा को छोड़
गैर भाषा की नकल करते हैं
बोलकर थोड़ी सी गीटर, पीटर
खुद को पंडित समझते हैं
सोई पड़ी मति तुम्हारी
कब नींद से जागोगे
जबरन थोपी गई संस्कृति
से कब आजादी पाओगे
उतार फेंको उधार का चोला
जो तुमने पहना हैं
अपनी मिट्टी अपनी भाषा
कहो जो भी कहना हैं
विरासत में मिले संस्कार तुम्हें
आने वाली पीढ़ी को देकर जाओ
हिन्दी बोलने में नहीं शर्म की बात
हिन्दी हैं हम गर्व से कहते जाओ ।।