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Anil Jaswal

Abstract

5.0  

Anil Jaswal

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माता-पिता अनमोल

माता-पिता अनमोल

2 mins
365


जब से पैदा हुआ,

मां को अधिकतर पाया,

हर वक्त कशमकश में,

सुबह शाम काम में,

सबसे पहले उठना,

सबसे बाद सोना,


और अगर मुसीबत आए,

तो फिर चौबीस घंटे जगना,

जब भी देखो,

वैसे के वैसे लगना।


पिता जी का कभी कभी आना,

हमें खूब प्यार जताना,

मेरी किताबें फेंक देना,

बोलना! मेरे जाने के बाद पढ़ लेना,

मां का न रोक पाना,

और मुझे पुरी आज़ादी मिलना।


एक बार पिताजी का बीमार पड़ना,

उनको जिला हस्पताल में शिफ्ट करना,

मेरी मां का डाक्टर और नर्स स्वयं बनना,

सबकुछ संभालना,

आखिर पिताजी का ठीक होकर घर आना,

हम सबका खुशी मनाना।


फिर मेरा स्कूल बदलना,

घर से दूर पढ़ने जाना,

मां का मुझे आते ही खाना खिलाना,

और न मिलने पे मेरा गुस्सा दिखाना,

मां का मुझे शांत करना,

तुरंत खाना दिलवाना।


मां का बाजार जाना,

मेरा भी साथ हो लेना,

फिर डिपो की लाइन में

घंटों इंतजार करना,

तब कहीं राशन का मिलना,

हमारा किचन चलना।


मां का पुजा पाठ में विश्वास होना,

हर रोज सुबह रामायण,

शिवपुराण और भगवत

गीता का पाठ करना,

पंडितों से मेलजोल रखना,

और बहुत से अनुष्ठान करवाना।


फिर हम तीनों भाइयों का कालेज जाना,

परिवार के साधन कम होना,

बहुत कठिनाई से प्रबंध करना,

उनकी सेहत का बिगड़ना,

फिर भी डाक्टर को न दिखाना,

इसी बहाने पैसा बचाना,

और बच्चों पे खर्च कर डालना।


सबसे बड़े का कालेज़ से पास होना,

और नोकरी की लाइन में लगना,

परंतु नोकरी का न मिलना,

उसका निराश हो जाना,

मां-बाप का होंसला बढ़ाना।


फिर बीच वाले का अफसर बनना,

कुछ दिनों में बड़े की नोकरी लगना,

और मां-बाप का खुशी मनाना।


सबसे बड़े की शादी करना,

उसके बेटों का होना,

उसकी पत्नी की नोकरी लगना,

उसके बेटे को भी संभालना।


फिर बीच वाले की शादी करना,

थोड़ी राहत मैहसूस करना।

फिर मेरा बीमार पड़ना,

तुरंत टैक्सी का इंतजाम करना,

और मुझे शहर में ले जाना,

इलाज करवाना।


फिर मां को गठिए की शिकायत होना,

चलने-फिरने में दिक्कत आना,

तो पिताजी का काम में हाथ बटाना।

फिर मां को कैंसर हो जाना,

उसकी हालत बिगड़ जाना,

बल्ड की जरूरत पड़ना।


अंत में उसका दुनिया से उठ जाना,

मेरा और पिताजी का अकेला रह जाना।

एक दिन हमारा एक्सिडेंट होना,

और पिताजी को गहरी चोट लगना,

बीच वाले भाई का इलाज करवाना,

अंत में पिताजी का ठीक हो जाना।


जिंदगी का धीरे-धीरे फिर से गति पकड़ना,

अचानक पिताजी के दिल में पीड़ा होना,

मेरा उनको डाक्टर के यहां ले जाना,

दवाई लेकर लौट आना,

और एक दिन उनका भी दुनिया ‌‌‌‌से उठ जाना।


मेरा अकेले रह जाना,

अपने आपको संभालना,

मां-बाप की एकएक बात याद आना,

उनको बहुत मिस करना।


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