मात-पिता सम पालनहार पेड़
मात-पिता सम पालनहार पेड़
मात पिता सम पालनहार
आओ फिर से करें विचार
क्यों करोना संकट अपार
पेड़ हमें करते हैं प्यार।
मात-पिता सम पालनहार
अन्न फल फूल हमारे
सारे जीवन आधार
वस्त्र घर सुख साधन है
सारे इनके ही उपहार
पेड़ हमारे जीवन आधार
आओ फिर से करें विचार।
क्यो क्यों करोना संकट अपार
पेड़ हमें करते हैं प्यार
मात-पिता सम पालनहार
पेड हमें करते हैं प्यार।
हरे-भरे जंगल थे एक दिन
आंखों के सुखचैन
ठंडी ठंडी हवा बहे
पशु-पक्षी चिड़ियों के रैन
मानव ने जब अपनी सुख का जाल फैलाया
कांटा पेड़ों को मैदा ने बनाया
रोगों और भूमंडलीकरण का दौर आया
विकास से विनाश की ओर दौड़ लगाया
काट पैरों को खुद के ही बनाया लाचार
आओ फिर से करें विचार
क्यों करोना संकट अपार
आओ फिर से करें विचार
मात-पिता सम पालनहार
पेड हमें करते हैं प्यार
प्रकृति की सार है यह
गीता है, कुरान भी, रामधुन अजान भी
नारायण, वाहेगुरु, जीजस और अल्लाह ही
प्रकृति का दूजा नाम
आओ फिर से करें विचार
क्यों करोना संकट अपार
पेड हमें करते हैं करते हैं प्यार
माता पिता सब पालनहार
पेड़ हमें करते हैं प्यार
आओ इन्हें करें प्रणाम
मात-पिता सम पालनहार
पेड हमें करते हैं प्यार।