आओ हाथ बढ़ाएं, एक पुस्तक और उठाएं
आओ हाथ बढ़ाएं, एक पुस्तक और उठाएं
आओ हाथ बढ़ाएं
एक पुस्तक और उठाएं
नंदन, चंपक, देवपुत्र, कोंपल की प्यारी दुनिया
कहीं गुम न हो जाए
डर लगता है
व्हाट्सएप, फेसबुक की गलियों में
किताबें खो न जाए
डर लगता है
आओ हाथ बढ़ाएं एक पुस्तक और उठाएं
बालहंस, नन्हे सम्राट, गुल्लक, चकमक की रंग- बिरंगी परियां
कहीं किस्से कहानियां ना हो जाए
डर लगता है
निक, सोनिक, पोगो, बिग-मैजिक, कार्टून नेटवर्क बच्चों की दुनिया हो न जाए
डर लगता है
आओ हाथ बढ़ाएं
एक पुस्तक और उठाएं
लोटपोट, चंदा-मामा, बालमन, बचपन की हंसती दुनिया
केवल पुस्तकालय की शोभा न बढ़ाएं
डर लगता है
लैपटॉप और मोबाइल ही
सारे रिश्ते नाते हो न जाए
डर लगता है
आओ हाथ बढ़ाएं
एक पुस्तकऔर उठाएं
बाल-वाटिका, बाल-मित्र,
बाल-वाणी, हंस के बाल-प्रहरी बन जाएं
आओ हाथ बढ़ाएं
एक पुस्तक और उठाएं,
डर को दूर भगाए
ज्ञान को बढ़ाएं
एक पुस्तक और उठाएं
एक पुस्तक और उठाएं।
