STORYMIRROR

Neerja Sharma

Abstract

2  

Neerja Sharma

Abstract

मानो या न मानो

मानो या न मानो

1 min
408

मानो या

न मानो 

सच कभी

छिपता नहीं 


कितने ही 

प्रयास करो 

छुपाए न 

छिपता।


देर होती

पर सच 

सामने आता 

झूठ को 

झुठलाता 


सही राह 

दिखाता

मानो या 

न मानो 

यही सच है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract