STORYMIRROR

अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'

Abstract

3  

अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'

Abstract

माँ

माँ

1 min
179

माँ ममता की खान है, करती सुत को प्यार।

माँ की सेवा जो करे, मिटते कष्ट अपार।।

मिटते कष्ट अपार, सुख-संपत्ति घर आवै।

जग में ना हो हार, सदा ही आदर पावै।।

कहे 'अंजनी कुमार', पूज्य होती है माता।

रिश्ता ये अनमोल, जगत माँ के गुण गाता।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract