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Sakhi Singh

Inspirational

3  

Sakhi Singh

Inspirational

माँ

माँ

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माँ
जब तू
पास नहीं
मेरे होती,
हर और
अँधेरा लगता है,
दिल हर
आवाज़ पे
धडकता है।

माँ
जब तू
होती है
मेरे पास
तब है
चैन की
हर एक
सांस।

माँ
मैं हूँ
बालक नादान,
पर करूँ
दिल से
तेरा सम्मान।

माँ
तू जननी
तू ही
आशा
जो करे है
दूर निराशा।

माँ
मेरी तो
हर शय

है 
तू जिस्म
तू ही लहू।

माँ
तेरा वंदन
करती हूँ
मैं अभिनन्दन
करती हूँ
तू पूज्य है
सदा सदा से।

माँ
कहती हूँ
यही खुदा से
जब भी जीवन
मुझे देना,
मुझे मेरी
माँ ही देना।

माँ
तू ममता
की छाया
मेरा सौभाग्य
है यह माँ,
जो मैंने
तुझको पाया
हां माँ
जो मैंने
तुझको पाया।


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