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Harish Bhatt

Abstract

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Harish Bhatt

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मां

मां

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पापा की जासूस, बच्चों की दुलारी मां,

गलतियों पर पर्दा डालकर बच्चों की

कर्फ्यू लगवाती पापा से तो उलंघ्घन करवाती बच्चों से

जेब टटोलकर पापा की, मौज कराती बच्चों को

खलनायक बनाकर पापा को खुद बन जाती नायिका

मां की रिपोर्ट पर ही उठाते है पापा डंडा

तो झूठ बोलकर गोद में दुबका लेती है मां

बच्चों और पापा के गठबंधन पर होती है खफा

मां के हथियार अनोखे चिमटा, बेलन और बर्तन

घिग्गी बंध जाती बच्चों की, तो सहम जाते पापा

देख मां का रौद्र रूप, मुंह से निकालता बस अब नहीं!


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