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Neerja Sharma

Abstract

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Neerja Sharma

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माँ

माँ

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अभी-अभी एक मैसेज पढ़ा कामवाली का बच्चा

IAS ,99% या गोल्ड मेडल लाया ।

माँ भी बर्तन माँजने शुरू करे

झटका सा लगा 

कौन माँ है जो बर्तन नहीं माँजती।


गर बच्चा IAS, 99%या गोल्ड मेडल ले

आए तो माँ बर्तन भी माँज देती है ।

माँ तो बस माँ होती है 

बच्चों के दिल की राह होती है ।


बर्तन तो वह वैसे भी माँ माँजती है।

कामवाली बाई के छुट्टी करने पर घर के

बर्तन कौन साफ करता है ?

शायद 99% माँ ही

एक बात और

माँ को बर्तन साफ करता देख।

 

बेटा यदि कहे 'माँ ,आप हटो,

मैं कर देता हूँ

तो शायद यह कहना ही माँ के लिए

IAS बनने से बड़ी बात है


आज संस्कारों की नींव हिल रही है 

माँ तो फिर भी माँ है 

बच्चे के लिए काम करने में

वह दिन रात नहीं देखती 

बीमारी तक भूल जाती है 

बच्चे की IASकी तैयारी में 


रात में उठ उठकर उसे पूछना 

उसकी जरूरत पूरी करना 

रातों में जा उसकी चादर ठीक करना 

माँ ही तो करती है।


मैसेज पसंद न आया तो

जवाब लिख दिया 

ऐसा लिखने से बेहतर है 

न लिखो...

वैसे मेरी राय कुछ अलग है 

हिन्दुस्तान में 


नारी की शक्ति भी पुरूष है 

पिता, भाई, पति, बेटा व दोस्त

सही अर्थों में गर साथ मिलता है तो

नारी हर असंभव को संभव कर जाती है 

हर असंभव को संभव कर जाती है।


स्त्री व पुरूष पूरक हैं इक दूजे के

अधूरे इक दूजे बिन।


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