माँ की ममता
माँ की ममता
बच्चों के खातिर जिसमें स्वार्थ-भाव दिखता नहीं।
माँ की ममता है साहब जो बाजार में बिकता नहीं।।
खुद तो भूखा रह लेगी पर बच्चों का पेट वो पालेगी।
पता नहीं क्यों भूख नहीं है वो कहकर ऐसा टालेगी।
काल भी जिसके आगे आकर पलभर भी टिकता नहीं।
माँ की ममता है साहब जो बाजार में बिकता नहीं।
हर रिश्तों में सबसे प्यारा माँ का रिश्ता प्यारा है।
लाखों शोहरत हो दुनियाँ में पर माँ का आँचल न्यारा है।
भाग्य जो लिखती माँ बेटे की मिटाये से मिटता नहीं।
माँ की ममता है साहब जो बाजार में बिकता नहीं।
बेटे को कुछ ना हो जाये यूँ दिलों जान से मरती है।
दवा, दुआ, टोना, टोटका हर भागदौड़ वो करती है।
ग़र ना होती सच्ची ममता तो 'देव' कभी लिखता नहीं।
माँ की ममता है साहब जो बाजार में बिकता नहीं।
