माँ का ह्रदय
माँ का ह्रदय
मां का हृदय स्नेह ममता का झरना है
जिसमें निझ्रर जल प्रवाहित है
निश्पाप नीर्मलध पवित्रता से पूर्ण है
मां एक सूरज है उश्मा का प्रसार करती हैं
इस्नेह की उष्मा सदैव बहाती रहती है
बच्चे को सदैव पुष्प सा सुरक्षित रखती है
मां एक कनेर का फूल है अपनी लाली से
सदा ही बालक को सुर्खरू रखा करती है
कितनी भी विपदाएं ओर चंद्र ग्रहण आए
अपनी इसी मातृत्व छाया में अपनै
बालक को पूर्ण सुरक्षित रखती है
अपनी मधुर आवाज से बालकों के
जीवन को सदैव प्रफुल्लित करती है
मां एक आम्र का पल्लव है जो छाया
साथ मिठास स्वास्थ्य प्रदान करती है
बालक मां को पा प्रसन्नचित होता है
मां एक दिव्य ममत्व की प्रतिमान है
माई ही बालकों को पोषित करती है
मां की गोद एक मखमली हिंडोला है
इसमें बालक सुखी निर्भय सोता है
जिसमें अपने को सुरक्षित पता है
जिसे देख कर यही भान होता ह
ै
मां एक दिव्यत्मा सा प्रकाशवान है
जो परिवार और अपने बालक के
वर्तमान भविष्य प्रकाशवान करता है
बालक की उन्नति में सहायक होता है
बालक की प्रगति में सदा सहयोगी है
मां दर्पण समान जहां बालक अपनी
सौंदर्य पूर्ण मुखाकृति को निरखता है
मां तो मां ही होती है जिसका संसार
में कोई भी सानी सहायक नहीं है.
मां का प्रेम अमूल्य अम्रत तुल्य है
मां के प्रेम का मूल्य कोई अदा न कर
सकता मां दौलत का अक्षय खजाना ह
जिसका कोई आदि और अंत नहीं है.
मां तो एक अक्षय पात्र सा ही हैं
जो कभी खाली नहीं रह सकता है
मां ममता की अजस्र धारा है
मां प्रेम का एक अक्ष्य श्रोत है.
मां की फटकार प्यार झलकाता है
मां का थप्पड़ मरहम लगा देता है
हरेक दर्द को वह मिटा भी देता है
संतान को प्रोत्साहित भी करता है
हरेक विपत्ति में सहायता करता है.