STORYMIRROR

Vijay Kumar उपनाम "साखी"

Inspirational

4  

Vijay Kumar उपनाम "साखी"

Inspirational

मां भारती का लाल हूं

मां भारती का लाल हूं

1 min
536


मां भारती का लाल हूं शत्रुओं के लिये काल हूं

सीस कटा देते है, सीस काट लेते है,

मां भारती का बाल हूं मां भारती का लाल हूं

बुरी नज़र से देखनेवाले, उनके लिये तलवार हूं


इस माटी की दाल हूं मातृभूमि की ढाल हूं

राणा प्रताप का वंशज, भगतसिंह की दहाड़ हूँ

सत्य की एक चाल हूं मां भारती का लाल हूं

देश के लिये मिटने वालेशहीदों की चाल हूं


पर देश से पूछता मैं साखी सवाल हूं

क्या आजादी हमें, ऐसे ही मिल गई

कोई कहता है, में बवाल हूं

पर मैं तो, मां भारती का लाल हूं


इसके लिये लड़ रहा, अपनों से हर साल हूं

भ्रष्टाचार, असत्य छोड़ो मैं शिवा की चाल हूं

अधर्मियों के लिये, सत्य की तलवार हूं

मां भारती का लाल हूं शत्रुओं के लिये काल हूं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational