मां-बाप
मां-बाप
मां-बाप के ऋण से उऋण
होना नहीं आसान हैब
बसकरो मन से सेवा-सुश्रुषाप
ऊपराला भी मेहरबान है
जब बनोगे खुद माता-पिता
तब समझ में आयेगा
कितनी कठिन है जिन्दगी,
तब पता चल जाएगा।।
लालन-पालन में बदल जाती है ,
जिन्दगी
अपने मन को मार कर ,
पाली जाती सन्तान है।।
ईश्वर भी नमन करते हैं
पितृ शक्ति को,
जिन्दगी में सबसे ऊंचा,
इनका स्थान है।।
के ऋण से उऋण,
होना नहीं आसान है।
बस करो मन से सेवा-सुश्रुषा,
ऊपर वाला भी मेहरबान है।।
जब बनोगे खुद माता-पिता,
तब समझ में आयेगा ।
कितनी कठिन है जिन्दगी,
तब पता चल जाएगा।।
लालन-पालन में बदल जाती है ,
जिंन्दगी
अपने मन को मार कर ,
पाली जाती सन्तान है।।
ईश्वर भी नमन करते हैं
पितृ शक्ति को,
जिन्दगी में सबसे ऊंचा,
इनका स्थान है।