माँ-बाप ही आगे आये
माँ-बाप ही आगे आये
कभी निर्भया, कभी दामिनी
कभी आशिफ़ा, कभी ट्विंकल
आये दिन बढ़ते अपराध
बहुत दुखी हूँ देश के इन हालात से
एक प्राथना, एक गुजारिश सभी माँ-बाप से
माँ -बाप होना स्वयं में
गौरव की बात है, लेकिन
ध्यान रहे अपना फ़र्ज़
परवरिश अच्छी देकर
सिखाकर उनको नैतिकता
बन संतान की स्वयं प्रेरणा
खिला सकते हैं एक सुन्दर बगिया
बन जीजाबाई शिवाजी का निर्माण करें
देश प्रेम से सींचे बालमन
नवभारत का निर्माण करें
समभाव, समानता सिखाएं
माँ-बाप ही आगे आये
यदि बचाना है अपनी बेटियों को
तो बेटों को संस्कार सिखाएं
