मां और धरती
मां और धरती
माँ तू क्या है?
कु़दरत में एक बीज सी,
दुनियाँ में हर तीज सी l
माँ तू कैसी है?
मीठों की मिठास सी,
ख़ुशी के अहसास सीl
माँ तू कौन है?
फ़ूलों की बहार सी
,ख़ुशियों की फ़ुहार सीl
माँ तू कहाँ है?
साँसों के अहसास सी,
मन की हर इक आस सीl
माँ तू कब है?
दर्द में सर पे हाथ सी,
हर मुश्किल में
साथ सीl
माँ तू क्यों है?
रब की आवाज़ सी
दुवाओं के साज़ सीl
मां तू धरती है,
धरती तू मां है।
दिल से दिल की बात सी,
मेरे हर जज़्बात सी।।
