लोकतंत्र
लोकतंत्र
खुशी का है, बस एक ही मंत्र
वह है, लोकतंत्र ओर लोकतंत्र
प्रजा के लिए, प्रजा द्वारा बना
प्रजा का अपना सहमति तंत्र
हिंद मना रहा, 74वां गणतंत्र
लागू हुआ था संविधान मंत्र
लोकतंत्र, कानूनों का है, मंत्र
इससे देश चलता ह, स्वतंत्र
लोकतंत्र में जनता की गंध
मिटाता है, यह झूठी दुर्गंध
आओ कानून सम्मत चले
हिंद में फैलाये, अमन सुगंध।