AVINASH KUMAR

Inspirational

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AVINASH KUMAR

Inspirational

लम्हा लम्हा गुज़ारा तुझे

लम्हा लम्हा गुज़ारा तुझे

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लम्हा लम्हा गुज़ारा तुझे

कतरा कतरा जी लिया

ज़िन्दगी कड़वी थी तू

फिर भी तुझको पी लिया


हाथ पर रखा कभी

और कभी प्यालों में भी

इस तरफ आयी नहीं

तू कभी सालों में भी

उधड़ी उधड़ी जब मिली

मैंने तुझको सी लिया


ज़िन्दगी कड़वी थी तू

फिर भी तुझको पी लिया....


तू तो बस कहती रही

अपने बारे में सभी

तूने कुछ पूँछा नहीं

मेरे बारे में कभी

मशवरा जब जब किया

साथ तुझको भी लिया


ज़िन्दगी कड़वी थी तू

फिर भी तुझको पी लिया....


धूप पर पड़ जाने दे

छाँव के छींटे ज़रा

हो सके तो लौट चल

दो कदम पीछे ज़रा

जब सफर करना पड़ा

साथ तुझको ही लिया


ज़िन्दगी कड़वी थी तू

फिर भी तुझको पी लिया....


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