उम्मीद
उम्मीद
मनहूम और परेशान से घूमते हैं सब,
मुस्कुराने के बहाने ढूँढते है लब।
तलाश-ए-सुकून में खंगालते हैं हर लम्हे को,
खुद को देते हैं दिलासा कि राहत मिल दिल को।
मुद्दतों से ख़्वाईश थी कि वक्त हों खुद से रूबरू,
वक्त ने पूरी कर दी हमारी ये भी जुस्तजू।
आई है फुरसत तो ले आई है ढेरों सौगात,
सौगात क्या, तन्हाई है और है बदहाली के हालात।
भले अभी हैं हम हालात के हाँथों लाचार,
पर टूटा नहीं है हौसला, है हिम्मत बरकरार।
मिले मुक्ति इस हैवान से सब की यही है फरियाद,
जंग-ए-ज़िन्दगी जारी है, पूरी होगी मुराद।