STORYMIRROR

Seema Khanna

Others

2  

Seema Khanna

Others

मेरी दोस्त 'अर्शी'

मेरी दोस्त 'अर्शी'

1 min
159

सोचा

बहुत सोचा

घोड़े दौड़ा लिए दसों दिशाओं में

संदेशा भेजा हवाओं में

सितारों से भी पूछा 

पर किसी को कुछ नहीं सूझा

फिर हौले अब बोला दिल से,

बता ना..


दिल भी था कशमकश में

अल्फ़ाज़ ए बयां नहीं था

उसके वश में

फिर समेटा सारे शब्दों को

छान के निकाले कुछ एहसास

चट्टान सी हो तुम जिससे

मुश्किल टकराने में घबराए

है कोमल सा दिल जो जल्दी से

पिघल जाए,

न देखा, न देख पाऊंगी तेरी जैसी

मुझे फक्र है कि मेरी दोस्त है 'अर्शी'


Rate this content
Log in