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Seema Khanna

Abstract

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Seema Khanna

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इंतज़ार

इंतज़ार

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फिर से बदलेंगे फिज़ाओ के रंग,

फिर से अपनाएंगे जीवन के वही ढंग ।

सजायेंगे महफिले यारों के साथ,

भीगेंगे फिर बारिश में डाले हाथों में हाथ।


कर रहे हैं इन्जार धरे हैं धीरज

छटेगा अंधेरा निकलेगा सूरज,

वक्त के साथ ये बुरा वक्त भी ढल जाएगा,

नई सुबह का उजाला हर ओर छाएगा ।



भले है इंतज़ार अभी भी लंबा,

पर इसका भी होगा एक दिन अंत।

जीत जाएगा हौसला हमारा,

फिर खुशियाँ होंगी अनंत ।

            

              


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