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karan ahirwar

Abstract

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karan ahirwar

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little puppy

little puppy

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रात के एक बजे जागा अचानक

देखें की सारे डोलते पग

ड़रा , घबराया , सहम सा गया

फिर करी थोड़ी हिम्मत

देखा झांककर तो पता चला 

जिसके दीदार से निकाल गए पसीने उसके

बो तो था बस एक पालतू

जो जाते जाते कहीं भटक गया!


उभरा ही था इस झटके से कि

नया कुछ आ गया सामने आंखों के 

इस बार कुछ बड़ा था लेकिन

नहीं डरेगा बो भी जिद पर अड़ा था

निडर बन गया पास उस प्राणी के

लेकिन वो तो भाव खा रहा

क्योंकि वो एक लिट्ल पप्पी जो ठहरा!


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