लेखक का जीवन
लेखक का जीवन
लेखक है कलम का वीर,
बाकी कोई न जाने पीर,
रहता हमेशा है बदहाल,
कोई न पूछे उसका हाल,।
जिनका हुआ नाम जगत में,
वो हुए मालामाल यहां पर,
घिसते रहते कलम हमेशा,
बाकी रहते है फटेहाल,
आंखे खोलते सभी की लेखक,
उनकी आंखें बंद करते लोग,
जीवन की धारा में पड़े रहते,
सबसे वो अलग थलग,
इस कंप्यूटर युग में अब तो,
बन गए है लेखक सभी,
असली लेखक बचे कहां
जो लिखते थे सत्य सद।