लड़की
लड़की
रात्रि में नेपथ्य के पीछे खड़ी उस मासूम सी लड़की की चेहरे की सुन्दरता ,
सुबह के सूरज की लालिमा को भी फीका कर रही है।
उसकी आंखों में साहस भरे सपनों का होना
वाजिब है।
आखिर उसकी उम्र ही कितनी थी,
अभी तो उसने दुनिया को जानना शुरु ही
किया है
कि उसे बांध दिया गया नियम-कानून की चार दिवारी में।
आखिर क्यों ?लड़की को ही क्यों?