लौटकर मत आना
लौटकर मत आना
जो चले ही गए हो तो लौटकर मत आना
तुम्हारे साथ का कोई लम्हा खुशनुमा न था
दर्द के निशाँ में भी अब तुम नजर मत आना।
हमसफर बनकर जिंदगी में जो आए थे
सपनों को मेरे अपनी मुठ्टी में भींचने
रिश्ते को ताक पर रख अपने अहम को सींचने
अब जो चले गए हो तो लौटकर मत आना।
जख्म तन पर लगे तो मरहम काम आता है
मन के घाव आखिरी सांस तक रिसते हैं
सात वचनों की आँच में सिक चुकी हूँ मैं
तुम्हारे दिए हुए इल्जामों से उब गई हूँ मैं।
आजाद होकर तुम्हारी घुटन से
अब सिर्फ खुद से ही मिलती हूँ मैं
जो चले ही गए हो तो लौटकर मत आना।।