STORYMIRROR

लौटकर मत आना

लौटकर मत आना

1 min
956


जो चले ही गए हो तो लौटकर मत आना

तुम्हारे साथ का कोई लम्हा खुशनुमा न था

दर्द के निशाँ में भी अब तुम नजर मत आना।


हमसफर बनकर जिंदगी में जो आए थे

सपनों को मेरे अपनी मुठ्टी में भींचने

रिश्ते को ताक पर रख अपने अहम को सींचने

अब जो चले गए हो तो लौटकर मत आना।


जख्म तन पर लगे तो मरहम काम आता है

मन के घाव आखिरी सांस तक रिसते हैं

सात वचनों की आँच में सिक चुकी हूँ मैं

तुम्हारे दिए हुए इल्जामों से उब गई हूँ मैं।


आजाद होकर तुम्हारी घुटन से

अब सिर्फ खुद से ही मिलती हूँ मैं

जो चले ही गए हो तो लौटकर मत आना।।


साहित्याला गुण द्या
लॉग इन

Similar hindi poem from Drama