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Sunita Agarwal

Abstract

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Sunita Agarwal

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क्यूं

क्यूं

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तब!जब उम्र प्यार की नहीं होती,

क्यूं प्यार हो जाता है...............,


जब प्यार का मौका मिलता है,

क्यूं प्यार से दिल भर जाता है...


तब!जब होते थे फूल किताबों में,

क्यूं उनसे सदाएं आती थीं......


जब फूलों का गुलदस्ता मिला

क्यूं खुशबू छिनी सी लगती है,


तब!जब खुशबू हवा मे घुलती थी,

क्यूं दुआ सी महसूस होती थी...


जब दुआओं का स्पर्श मिला,

क्यूं सदा भी झूठी लगती थी....।।


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