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पुष्पेन्द्र कुमार पटेल

Inspirational

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पुष्पेन्द्र कुमार पटेल

Inspirational

क्योंकि तुम नारी हो

क्योंकि तुम नारी हो

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क्योंकि तुम नारी हो

तुम्हारे अस्तित्व से ही

जन्म लेता है जग सारा,

तुम्हारे जन्म पर 

क्यों फैल जाता है अँधियारा?


न जाने इतनी पीड़ा

कैसे सह लेती हो?

सारी उलझनों को क्षण मे 

सुलह कर लेती हो।


हर संबन्धों मे करुणा लुटाती हो

प्रतिशोध बेला मे 

दुर्गा, काली भी तो बन जाती हो।


क्यों मानती हो?  

स्वयं को बेबस और लाचार,

तुम ही तो दे सकती हो, 

जग को नूतन आकार।


सबल बनो, 

तुम अनीति से लड़ सकती हो

बंजर मे भी उपवन कर सकती हो।


कौन कहता है? 

तुम सबसे निर्बल हो,

तुम ही तो वर्तमान, अतीत 

और आने वाला कल हो।



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