आजादी
आजादी


आज़ादी दरवाज़ा है
जिसे लांघ उस पार जाया जा सके
वो चिड़िया है जो उड़ सके
पँख पसारे खुले आसमानों मे
वो बंधन है जिसमे
न हो कोई बेड़ियाँ
वो नदी है जो बह सके
बिना बाधाओं के।
कोई तस्वीर नहीं आज़ादी
जो दिखे हर किसी को एक जैसे
आज़ादी आईने की तरह है
जहाँ हर व्यक्ति देखे
अपनी अलग तस्वीर।
सरकारी दफ्तरों मे न देनी पड़े रिश्वत
स
मानता का अधिकार मिले
न लूटी जाये किसी की अस्मत
धर्म या जाति के नाम पर
न करे कोई विभाजन मानवता का
तभी तो है पूरी आज़ादी।
जिस दिन लोग समझ जायेंगे
आज़ादी के मायने
आज़ादी कर देंगे पिंजरे के पंछियों को
बहा देंगे घरों मे रखे मछलियों को
रिहा कर देंगे पाले हुए जानवरों को
क्योंकि महज एक शब्द नही आज़ादी
अधिकार है हर जीवन का।
कॉपी के उस आखिरी पन्ने
की तरह है आज़ादी
जहाँ लिख पाये हर व्यक्ति
अपने मनोभावों की अभिव्यक्ति।