क्यायहीहै इंसान होनेकी पहचान?
क्यायहीहै इंसान होनेकी पहचान?
क्या है ये चलचित्र,
क्यूँ है मेरा मन इनसे विचलित
जानता नहीं था जिसे मै बखूबी
क्यों है आज मेरी जान उसमें ही डूबी
एक चमकता सितारा
सब की आंखों का तारा
रुला गया, बता गया
इस चमक के पीछे की हकीकत
क्या इतनी सी थी उसकी
ज़िन्दगी हमारे बीच में
जिसको निचोड़ दिया इन नीच ने !
क्या यही है इंसान होने की पहचान ?
