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Ram Chandar Azad

Abstract

2.5  

Ram Chandar Azad

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क्या प्यार है

क्या प्यार है

1 min
339


जब किसी के लिए दिल तड़पने लगे

नींद खोने लगे ,चैन जाने लगे

पूछता खुद से मन,

क्या यही प्यार है


रात कटती नहीं दिन गुजरता नहीं

दिल बहकने लगे,तन मचलने लगे

पूछता खुद से मन

क्या यही प्यार है


जब कोई आपको अपना लगने लगे

उसके बिन आपको कुछ न अच्छा लगे

पूछता खुद से मन,

क्या यही प्यार है


जब दीवाली में होली का अहसास हो

दीप की ज्योति में जब कोई खास हो

पूछता खुद से मन

क्या यही प्यार है


जब मिलावट दिखे शुद्धता से भरी

आप की नजरों में भी लगे वो खरी

पूछता खुद से मन

क्या यही प्यार है


पूरी महफ़िल सजी हो मगर वो नहीं

जिसके खातिर वहाँ दिल ठहरता नहीं

पूछता खुद से मन

क्या यही प्यार है।


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