STORYMIRROR

Akshat Garhwal

Abstract

4  

Akshat Garhwal

Abstract

क्या कुछ कर जाते हैं?

क्या कुछ कर जाते हैं?

2 mins
378

जीवन के जख्मों पर मरहम भर जाते हैं

लोग परिवार के लिए क्या कुछ कर जाते हैं।


घर में बैठे हुए

कुछ कभी अपनों के लिए

खास दिनों में कुछ यादें लिए

हम तोहफे दे जाते है।

खाली बैठे हुए

उन उदासी से पलों में

बन के साथ रहनुमा मन में

वह खुशियां भर जाते हैं।

लोग अपने परिवार के लिए क्या कुछ कर जाते हैं।

जब दिलों में दुख बढ़ने लगते हैं

इन आंखों से अश्रु ढहने लगते हैं

वह अपने हाथों से आकर आंसू

अपनी पलकों तक ले जाते हैं ।

जो अपने दिलों की बात करने लगते हैं

खुशियों में मिठास घोल उनको दुगनी करने लगते हैं

अकेले मन में जब साथ ना हो किसी का तब

खोल खुशियों की पोटरी वो साथ दे जाते हैं।

लोग  परिवार के लिए क्या कुछ कर जाते हैं।


रिश्तो का परिवार क्या होता है?

जहां भावनाओं का सम्मान होता है

जहां दोस्ती के रिश्ते भी

अपना एक घर कर जाते हैं।


जब अपने पराए की फिक्र नहीं होती

रिश्ते में खटास की जिक्र नहीं होती

जहां अंधेरे में भी उजाला करने को

हम कई घरों के चिराग बन जाते हैं।

लोग  परिवार के लिए क्या कुछ कर जाते हैं।


देखने को काफी जलसे मिलते हैं

आजकल के कई लोग बहुत हल्के मिलते हैं

जो रिश्तो से ज्यादा किस्ते कस जाते हैं

दुनिया में कई लोग खुद में बस जाते हैं।

जिनके मन में थोड़ा घमंड होता है

एकल रहना जिन्हें पसंद होता है

जो सिर्फ बीवी बच्चों को परिवार समझ

मां-बाप को वृद्ध आश्रम छोड़कर जाते हैं।

सच है

लोग अपने परिवार के लिए क्या कुछ कर जाते हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract