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Pratima Pritu

Inspirational Others

5.0  

Pratima Pritu

Inspirational Others

क्या कहती है जिन्दगी

क्या कहती है जिन्दगी

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पहारों का सीना चीर कर,

निर्झरनी सा झूम कर,

दिल दरिया बनो,

कहती है जिन्दगी।


आंसमा को चूम कर ,

बादलों सा घुमड़ - घुमड़,

जीवन का नीर बनो,

कहती है जिन्दगी।


सावन सी हरी भरी,

अंग- अंग फूलों की डली,

अधरों की मुस्कान बनो,

कहती है जिन्दगी।


अमर-अनंत तुम्हारा जीवन,

बहते रहो जू निर्मल पवन,

तपते सूरज की दमक बनो

कहती है जिन्दगी।


शोलों की होली में,

ओलों की गोली में,

जय- श्री से करो स्वयंवर

कहती है जिन्दगी।


विहड़-सघन है जीवन-पथ,

कंटिले-पथरिले, डगर-डगर,

राह नहीं फिर भी मुश्किल,

कहती है जिन्दगी।


मंजिल मिले , या ना मिले,

रुको नहीं, थको नहीं,

साँसों की लड़ी बढाते रहो

कहती है जिन्दगी।


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