कविता : "तेरे नाम का सफ़र"
कविता : "तेरे नाम का सफ़र"
तेरी मुस्कान में छुपा है मेरा सुकून,
तेरी आँखों में बसी है मेरी हर जूनून।
तेरे बिना ये दिल धड़कना भूल जाता है,
तेरे साथ हर दर्द भी फूल सा लग जाता है।
चाँद से भी रोशन है तेरा चेहरा,
तुझसे ही रंगीन है मेरा सवेरा।
तेरी हँसी से महक उठती है फिज़ा,
तेरी खामोशी भी कह जाती है दास्तां।
तेरे संग बिताए हर लम्हे में जादू है,
जैसे अधूरी दुआ को मिल गई मंज़िल है।
जब तू पास होता है तो सब सही लगता है,
तेरे बिना ये जहाँ अधूरा सा लगता है।
तेरे नाम से शुरू होती है मेरी हर सुबह,
तेरे ख्यालों में डूब जाती है हर रात।
तेरा साथ मिला तो खुदा भी करीब लगने लगा,
तेरी मोहब्बत से मेरा दिल नसीब लगने लगा।
तेरी बाहों में है दुनिया का हर सुकून,
तेरे साथ ही जीने का है मेरा जूनून।
अगर ज़िन्दगी एक सफ़र है, तो मंज़िल तू है,
अगर ख्वाब कोई है, तो वो पूरा तू है।
तेरे बिना ये कहानी अधूरी रह जाएगी,
तेरे साथ मेरी रूह भी मुस्कुराएगी।
-Payal

