कविता : "तेरे बिना अधूरी मैं"
कविता : "तेरे बिना अधूरी मैं"
तेरी धड़कन से ही धड़कता है दिल मेरा, तेरे बिना सूना है हर एक बसेरा। तेरी हँसी से खिलती है हर बहार, तेरे बिना लगता है सब बेकरार। तेरी आँखों में बसा है मेरा जहाँ, तेरे ख्यालों से सजता है हर समाँ। तेरे बिना अधूरी है हर दास्तां, तेरे साथ पूरी है मेरी रूह की ज़ुबां। तेरी बाहों में सुकून का आलम है, तेरे साथ रहना ही मेरा धर्म है। तेरे बिना कटे ना कोई सफर, तेरे साथ ही है मेरी हर मंज़िल का असर। तू है तो रंगीन है ये ज़िंदगी, तेरे बिना वीरान है हर ख़ुशी। तेरी मोहब्बत मेरी सबसे बड़ी पहचान, तुझसे ही जुड़ी है मेरी हर जान। तेरे साथ है तो दुनिया हसीन लगे, तेरे बिना हर पल जैसे कैद लगे। तेरे नाम से ही रौशन है मेरी रूह, तेरे साथ ही पूरी होती है हर चाहत की भूल। --- Payal

