कविता : शशिबिन्दुनारायण मिश्र के तीन दोहे ---
कविता : शशिबिन्दुनारायण मिश्र के तीन दोहे ---
ईश्वर-धर्म-संस्कृत का, कर रहे नित विरोध।
संस्कृति - देशोन्नयन में , बनते वे अवरोध।।
बनते वे अवरोध हैं, पायें यदि वे दण्ड।
मनबढ़ होते जा रहे, वे हैं महा उद्दण्ड।।
मन- मस्तिष्क पर बिछती , बेचैनी की धुंध।
जब भी कलम उठती है, उसको करती कुंद।।
