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Seema Mishra

Abstract

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Seema Mishra

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कुरूक्षेत्र

कुरूक्षेत्र

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कभी कभी सोचती हूँ कि

जिंदगी में अनगिनत दुख,

तकलीफ़, परेशानियां,

और कुछ ऐसे असहनीय दर्द मिलते हैं


कि लगता इनसे लड़ते लड़ते

जीवन कुरुक्षेत्र सा लगने लगता है,

हर मोड़ पर खड़ी रहती है

अजमाने के लिए,

कि आओ अब सामना करों

और हमें हर हाल में जूझना ही पड़ता है,


और फिर मजबूत हो जाते हैं हम

पूरी हिम्मत से लड़ने, सहने के लिए।

सच ये जीवन एक कुरूक्षेत्र ही है

जिसे हमें जीना है और जीतना है


मन की निराशा को दूर कर

एक अलग पहचान बनानी है।

जीवन बहुत छोटा है

सफल होना है सत्य को स्वीकारते हुए

जीत का हौसला रखना

फिर निरन्तर आगे बढ़ना और

इसी में खुशी तलाश कर मुस्कुराना।


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