डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Comedy
आया करवाचौथ का ,ये अद्भुत त्योहार।
जिसको ताने वर्ष भर,आज उसी से प्यार।
आज उसी से प्यार, शेरनी बैठ जताए।
सादर करे प्रणाम, गले से खूब लगाए।
जिसको पंजा मार ,वर्ष भर खूब रुलाया।
पत्नी जी को आज,प्रेम उस पति पर आया।।
बाल कुंडलिया
गीतिका
गीतिका (ज़िंद...
बता तो दे!
लिपट तिरंगे म...
सरस्वती वंदना
भारत का संविध...
सरस्वती वंदन...
कहमुकरी
पहले थी बर्फी अब आई, रसोगुल्ला खाने की बारी। पहले थी बर्फी अब आई, रसोगुल्ला खाने की बारी।
हम बोले ये तो घर-घर की कहानी बहना। हम बोले ये तो घर-घर की कहानी बहना।
जेब का जब साथ हो, तभी तो तुम्हारा विकास है। जेब का जब साथ हो, तभी तो तुम्हारा विकास है।
भोली जनता से कर भरवाओ नेता जी कहिन, गरीबी मिटाओ। भोली जनता से कर भरवाओ नेता जी कहिन, गरीबी मिटाओ।
बगुला राजगद्दी पे बैठ के हुक्म दे रहा है चल ते बन। बगुला राजगद्दी पे बैठ के हुक्म दे रहा है चल ते बन।
उस मैदान में था कचरा ,थोड़ी घास थी ढेर बबूल की झाड़ियां पास थीं। उस मैदान में था कचरा ,थोड़ी घास थी ढेर बबूल की झाड़ियां पास थीं।
नानी के घर जाकर हमको भरपेट दूध-मलाई है खानी। नानी के घर जाकर हमको भरपेट दूध-मलाई है खानी।
गमगीन माहौल को खुशनुमा बनाइये, हँसी के फुव्वारे उड़ाते रहिये, हँसते और हँसाते रहिये। गमगीन माहौल को खुशनुमा बनाइये, हँसी के फुव्वारे उड़ाते रहिये, हँसते और हँसाते...
समझ लेना सर धड़ सेे फेविकोल से चिपका है ओ मेरे आका। समझ लेना सर धड़ सेे फेविकोल से चिपका है ओ मेरे आका।
खाओ अब जरा मेरे बनाएँ बेसन के जले चिल्ले कोय़ खाओ अब जरा मेरे बनाएँ बेसन के जले चिल्ले कोय़
तब तक कैसे आ सकती है ? उस जीवन में शांति। तब तक कैसे आ सकती है ? उस जीवन में शांति।
ऐसी की तैसी इस उम्र की, जश्न-ए-ज़िन्दगी रोज मनाते हैं हम। ऐसी की तैसी इस उम्र की, जश्न-ए-ज़िन्दगी रोज मनाते हैं हम।
क्यों कि ये सचमुच बूढ़ा हो गया है बहुत बूढ़ा हो गया है। क्यों कि ये सचमुच बूढ़ा हो गया है बहुत बूढ़ा हो गया है।
उसी का दुख ये भोग थे हो निठल्ले बैठे बेरोजगार। उसी का दुख ये भोग थे हो निठल्ले बैठे बेरोजगार।
यही होता है जब देशी फेमिली में माडर्न शादी का तड़का लग जाता है। यही होता है जब देशी फेमिली में माडर्न शादी का तड़का लग जाता है।
एक दिन नेट बन्द, लगे बची सांसें चन्द ज़िंदगी हमारी फिर, कम लगी जा रही। एक दिन नेट बन्द, लगे बची सांसें चन्द ज़िंदगी हमारी फिर, कम लगी जा रही।
ये लोग ही तो हमारे नेता कहलाते हैं। जी हां, ये लोग ही हमारे नेता कहलाते हैं। ये लोग ही तो हमारे नेता कहलाते हैं। जी हां, ये लोग ही हमारे नेता कहलाते हैं।
सुबह इतनी खूबसूरत होगी यह मैंने सोचा न था! सुबह इतनी खूबसूरत होगी यह मैंने सोचा न था!
कि मैं संपूर्ण हूँ स्वयं में या बाकी मुझमें कुछ और है। कि मैं संपूर्ण हूँ स्वयं में या बाकी मुझमें कुछ और है।
चलती जैसे फूलों की डाली हाय रे मेरी कामवाली। चलती जैसे फूलों की डाली हाय रे मेरी कामवाली।